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Showing posts from September, 2018

मी की हस्तलिपियों में नक़्शे शामिल नहीं थी. इनमें

की टॉलेमी की हस् तलिपियों में नक़्शे शा मिल नहीं थी. इनमें सिर्फ़ अनुभव के आधार पर लिखी जानकारियां थी. लेकिन बाद में जो नक़्शे बनाए गए उनमें हाथ से रंग भी भरे गए. जमीन दर्शाने के लिए पीला रंग और समुद्र के लिए नीला रंग इस्तेमाल हुआ. तब प्रस्तावना, लेखक का नाम नहीं होते थे किताबों में 1500 से पहले की जितनी भी किताबें या हस्तलिपियां नक़्शों पर आधारित हैं. उन सभी में वो पेज नहीं है जिस पर किताब की प्रस्तावना, किताब और लिखने वाले का नाम, तारीख़ आ दि लिखी रहती है. इसका चलन 1500 के बाद प्रिंटिंग के ज़माने में अलदुस मनुटियस ने शुरू किया था. वो पहला ऐसा शख़्स था जिसने इटैलिक्स फ़ोन्ट का इस्तेमाल किया और क़रीब 130 किताबों को ग्रीक से लैटिन भाषा में छापा.में जर्मनी के पेटरस अप्यानस ने कॉस्मोग्राफ़ि या नाम की किताब लिखी जो कि गणित के आधार पर भूज्ञान की बारीकियां बताती है. पेटरस को नक़्शे बनाने, गणित और खगोलशास्त्र में महारात हासिल थी. पेटरस की ये किताब 14 भाषाओं में 30 बार छापी गई. इसका पहला लैटिन संस्करण 1540 में छपा था. कॉस्मोग्रेफ़ि या की ख़ास बात थी कि इसमें वॉवेल्स का इस्ते

उनके चार बच्चे हैं. इनमें दो बेटे और दो बेटियां हैं.

उन्हें  में पद से हटा दिया गया लेकिन 1997 में नवाज़ शरीफ ने फिर से सत्ता हासिल कर ली. उनके चार बच्चे हैं. इनमें दो बेटे और दो बेटियां हैं. पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में वो पहली बार अक्तूबर 1999 में सामने आईं जब उनके पति की सरकार को गिरा दिया गया और उन्हें क़ैद कर लिया गया था. उन्हें एक साल तक कैद में रहना पड़ा लेकिन जब नवाज़ शरीफ़ को मिलिट्री कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई तो वे अगले 10 सालों तक देश ना लौटने की शर्त पर सऊदी अरब में अपने परिवार के साथ चले गए. कुलसुम नवाज़ तब सुर्खियों में आईं जब हिरासत के दौरान सुरक्षाकर्मियों की अवहेलना करते हुए उन्होंने अपने मॉडल टाउन निवास से पूरे लाहौर शहर में जुलूस निकाला. उस वक्त वह पीएमएलएन पार्टी की अंतरिम अ ध्यक्ष थीं और साल 2002 तक पद पर बनी रहीं. उसके बाद कुलसुम राजनीति से दूर रहीं लेकिन पिछले साल जब उनके पति को सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिया तो पार्टी ने उन्हें अपने पति की सीट से उपचुनाव में खड़ा किया. कुछ लोगों को पार्टी के इस फैसले से हैरानी हुई क्योंकि ऐसा लग रहा था कि शरीफ़ अपनी बेट