राजस्थान हाई कोर्ट ने 1996 के समलेटी धमाका मामले में पांच अभियुक्तों को बरी कर दिया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के
मुताबिक लतीफ़ अहमद बाजा(42), अली भट्ट (48), मिर्ज़ा निसार (39), अब्दुल
गनी (57 और रईस बेग(56) मंगलवार को जेल से बाहर आए. बेग 8 जून 1997 से जेल में थे जबकि अन्य को जून 1996 और जुलाई 1996 के बीच गिरफ़्तार किया गया था.
इस दौरान ये पांचों अभियुक्त दिल्ली और अहमदाबाद की जेलों में बंद रहे लेकिन कभी भी ज़मानत या परोल पर बाहर नहीं आए. पाँचों को बरी करते हुए अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष उनके ख़िलाफ़ षडयंत्र में शामिल होने के सबूत नहीं पेश कर सका है.
रिहाई के बाद इन अभियुक्तों का कहना है कि गिरफ़्
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राजस्व विभाग के प्रस्ताव को मंज़ूर कर लिया है. हालांकि पर्यावरण मंत्रालय इस क्षेत्र को पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील मानता है और जहां बंदरगाह और जेटी आदि के अलावा कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है.
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फरनगर में साल 2013 में हुए दंगों से जुड़े 20 और मुक़दमे वापस होंगे.
सरकार अब तक कुल 74 मुक़दमे वापस करने की मंज़ूरी दे चुकी है. अब सरकार ने 20 और केस वापस करने के लिए तीन शासनादेश जारी किए हैं. ये सभी मुक़दमे आगजनी, लूट और डकैती आदि की धाराओं में दर्ज कराए गए थे.
तारी से पहले वो एक दूसरे को नहीं जानते थे. ये लोग अब पूछ रहे हैं कि हम बरी तो हो गए हैं लेकिन जो समय हमें जेल में गुज़ारना पड़ा उसे कौन वापस लाएगा.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मुंबई में समुद्र तट का कुछ हिस्सा अब सरकारी ज़मीन होगा. महाराष्ट्र के राजस्व विभाग के दक्षिण मुंबई में अरब सागर के तट के कुछ क्षेत्र को राजस्व भूमि मानने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने मंज़ूर कर लिया है.
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